Mission & Vision
महाविद्यालय का उद्देश्य सुशिक्षित एवं सुसंस्कृत छात्र/छात्राओं की ऐसी
जागरुक पीढ़ी तैयार करना है जो देश में सामाजिक, आर्थिक और नैतिक
विकास की स्थापना कर लोकतन्त्र के समग्र उत्कर्ष में अपना सम्पूर्ण योगदान दे
सके।
इस संस्था में राष्ट्रीय सेवायोजना एवं अन्य सांस्कृतिक व प्रतियोगी कार्यक्रमों
द्वारा छात्र/छात्राओं के सम्पूर्ण व्यक्तित्व के विकास में सक्रिय योगदान दिया जाता
है। छात्र/छात्राओं में राष्ट्रीय चेतना का विकास अति आवश्यक है। क्योंकि जब
एक विद्यार्थी शिक्षित होता है तो वह अकेला नहीं शिक्षित होता है बल्कि सम्पूर्ण
पीढ़ी शिक्षित होती है। अत: उसमें राष्ट्रीय चेतना की स्थापना अति आवश्यक है।
राष्ट्र की सांस्कृतिक, कलात्मक, दार्शनिक, साहित्यक और सौन्दर्यत्मक
उपलब्धियों में मण्डित उसके अतीत और वर्तमान के प्रति अनुरागमयी निष्ठा
रखना ही राष्ट्रीय चेतना है।
इस संस्था के सम्पूर्ण कलेवर राष्ट्रीय चेतना के आलोक वृत्त से घिरा रहा है।
वैदिक आलोक ने संस्था के इस उद्देश्य को सदैव अनुप्राणित एवं प्ररित किया है।
जिससे छात्र/छात्राओं के सम्पूर्ण व्यक्तित्व में हिमालय जैसी दृढ़ता, गंगा जैसी
पावनता एवं यमुना जैसी गहराई तथा पूâल सी कोमलता और सर्वधर्म में सुलभ
सहजता और पावनता का समावेश हो जाये।
स्नातकोत्तर महाविद्यालय डेरवा, प्रतापगढ़ छात्र/छात्राओं को कला संकाय, विज्ञान संकाय,वाणिज्य संकाय की स्नातक उपाधि (बचलर ऑफ आर्टस डिग्री) व परास्नातक उपाधि के लिये तो
शिक्षित करता ही है, साथ ही यहाँ छात्र/छात्राओं के व्यक्तित्व निर्माण पर विशेष
ध्यान दिया जाता है। इस संस्था का सिद्धान्त है शिक्षा के साथ-साथ छात्र/छात्राओं
को संस्कृति की भी जानकारी दी जाये। कालेज में व्यतीत किये जाने वाले वर्ष
छात्र/छात्राओं के ज्ञान, व्यक्तित्व, चरित्र और आचरण में अभूतपूर्व भूमिका निभाते
हैं। यहाँ प्रवेश लेने वाले छात्र/छात्राओं से आशा की जाती है कि वे संस्था के महान
उद्देश्यों को आत्मसात् और मूर्तिमान करने का निष्ठावान प्रयास करेंगे।